सुनील भारती मित्तल ने सिर्फ टेलीकॉम ही नहीं, बल्कि टीवी डिस्ट्रीब्यूशन में भी मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को चुनौती देने का फैसला किया है। जियो ने हाल ही में देश के दो सबसे बड़े केबल ऑपरेटर्स- हैथवे केबल एंड डेटाकॉम और डेन नेटवर्क्स को खरीदा है। इसे देखते हुए अब मित्तल ने एयरटेल डिजिटल टीवी के अंदर आने वाले अपने डीटीएच बिजनेस को डिश टीवी के साथ मर्ज करने के लिए बातचीत शुरू की है। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि बातचीत अभी शुरुआती चरण में हैं। उन्होंने बताया, 'इनकी योजना दोनों कंपनियों के ऑपरेशन को मिलाना और रिलायंस जियो को कड़ी चुनौती देना है। एयरटेल डिजिटल टीवी और डिश टीवी मर्जर के बाद एक बहुत बड़ी कंपनी होगी।'
अगर मित्तल सफल होते हैं तो मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी होगी। इसके पास 3.8 करोड़ सब्सक्राइबर्स और देश के डीटीएच मार्केट का 61 पर्सेंट शेयर होगा। ईटी के सवालों को जवाब देते हुए एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम पॉलिसी के तहत मार्केट की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते।' वहीं डिश टीवी के प्रवक्ता ने भी कहा कि 'कंपनी मार्केट में चल रही अटकलों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करती।'
वीडियोकॉन डी2एच के साथ मर्ज हो चुका डिश टीवी
डिश टीवी ने बीते साल मार्च में वीडियोकॉन डी2एच के मर्जर को पूरा किया था और देश के डीटीएच मार्केट में मर्जर करने वाली पहली कंपनी बनी थी। फिलहाल इस मार्केट में कुल 6 डीटीएच ऑपरेटर्स हैं, जिनमें 6 पेमेंट आधारित सर्विस और एक फ्री सर्विस है।
टाटा स्काई के साथ नहीं हो पाया समझौता
इससे पहले एयरटेल ने अपने डीटीएच बिजनेस को टाटा स्काई को बेचने की बहुत कोशिशें की थीं, लेकिन दोनों पक्ष किसी समझौते तक नहीं पहुंच सके। इसके बाद 2017 में एयरटेल ने एयरटेल डिजिटल टीवी की होल्डिंग कंपनी, भारती टेलीमीडिया में अपनी 20 पर्सेंट हिस्सेदारी को प्राइवेट इक्विटी में वॉरबर्ग पिंकस को 35 करोड़ डॉलर (करीब 2,258 करोड़ डॉलर) में बेच दी थी। इस समझौते में एयरटेल के डीटीएच बिजनेस की वैल्यू 11,300 करोड़ रुपये लगाई गई थी।
15 मार्च को डिश टीवी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 7,263.75 करोड़ रुपये था। यह बीते साल मर्जर के समय नई कंपनी की लगाई गई अनुमानित वैल्यू 17,000 करोड़ रुपये से काफी कम है। टाटा स्काई के वैल्यूएशन के 11,000-12,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सितंबर 2018 में जारी ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक डीटीएच मार्केट में 31 पर्सेंट हिस्सेदारी के साथ डिश टीवी (वीडियोकॉन डी2एच के साथ) सबसे आगे है। इसके बाद 27 पर्सेंट हिस्सेदारी के साथ टाटा स्काई और 24 पर्सेंट हिस्सेदारी एयरटेल डिजिटल टीवी के पास है। 31 दिसंबर 2018 को खत्म हुई तिमाही में डिश टीवी के पास 2.36 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे और इसे 1,517.4 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी, जिसमें 517.6 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग मार्जिन था।
अगर मित्तल सफल होते हैं तो मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी होगी। इसके पास 3.8 करोड़ सब्सक्राइबर्स और देश के डीटीएच मार्केट का 61 पर्सेंट शेयर होगा। ईटी के सवालों को जवाब देते हुए एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम पॉलिसी के तहत मार्केट की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते।' वहीं डिश टीवी के प्रवक्ता ने भी कहा कि 'कंपनी मार्केट में चल रही अटकलों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करती।'
डिश टीवी ने बीते साल मार्च में वीडियोकॉन डी2एच के मर्जर को पूरा किया था और देश के डीटीएच मार्केट में मर्जर करने वाली पहली कंपनी बनी थी। फिलहाल इस मार्केट में कुल 6 डीटीएच ऑपरेटर्स हैं, जिनमें 6 पेमेंट आधारित सर्विस और एक फ्री सर्विस है।
टाटा स्काई के साथ नहीं हो पाया समझौता
इससे पहले एयरटेल ने अपने डीटीएच बिजनेस को टाटा स्काई को बेचने की बहुत कोशिशें की थीं, लेकिन दोनों पक्ष किसी समझौते तक नहीं पहुंच सके। इसके बाद 2017 में एयरटेल ने एयरटेल डिजिटल टीवी की होल्डिंग कंपनी, भारती टेलीमीडिया में अपनी 20 पर्सेंट हिस्सेदारी को प्राइवेट इक्विटी में वॉरबर्ग पिंकस को 35 करोड़ डॉलर (करीब 2,258 करोड़ डॉलर) में बेच दी थी। इस समझौते में एयरटेल के डीटीएच बिजनेस की वैल्यू 11,300 करोड़ रुपये लगाई गई थी।
15 मार्च को डिश टीवी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 7,263.75 करोड़ रुपये था। यह बीते साल मर्जर के समय नई कंपनी की लगाई गई अनुमानित वैल्यू 17,000 करोड़ रुपये से काफी कम है। टाटा स्काई के वैल्यूएशन के 11,000-12,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सितंबर 2018 में जारी ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक डीटीएच मार्केट में 31 पर्सेंट हिस्सेदारी के साथ डिश टीवी (वीडियोकॉन डी2एच के साथ) सबसे आगे है। इसके बाद 27 पर्सेंट हिस्सेदारी के साथ टाटा स्काई और 24 पर्सेंट हिस्सेदारी एयरटेल डिजिटल टीवी के पास है। 31 दिसंबर 2018 को खत्म हुई तिमाही में डिश टीवी के पास 2.36 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे और इसे 1,517.4 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी, जिसमें 517.6 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग मार्जिन था।
No comments:
Post a Comment